सडक़ दुर्घटनाएं रोकने के लिए तमाम सुरक्षात्मक उपाय अपनाए जाएं

सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में जिले में लगातार हो रही दुर्घटनाओं पर कलेक्टर ने चिंता व्यक्त की

बैतूल। कलेक्टर  अमनबीर सिंह बैंस ने जिले में लगातार हो रही सडक़ दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है। गुरुवार को आयोजित सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में उन्होंने कहा कि सडक़ दुर्घटनाएं रोकने के लिए तमाम सुरक्षात्मक उपाय अपनाए जाएं। सडक़ों पर आवश्यक संकेत चिन्ह लगे हों। दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में रात्रिकालीन प्रकाश व्यवस्था हो। एंबुलेंस एवं आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं तत्परता से उपलब्ध रहें। लोगों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया जाए। बैठक में पुलिस अधीक्षक सुश्री सिमाला प्रसाद, जिला परिवहन अधिकारी श्रीमती रंजना सिंह कुशवाहा सहित संबंधित अधिकारी एवं समिति सदस्य मौजूद थे। बैठक में नेशनल हाईवे, लहेदरा घाट, रानीपुर रोड सहित अन्य दुर्घटना संभावित सडक़ों पर विगत दिनों हुई सडक़ दुर्घटनाओं के कारणों पर भी गंभीरता से चर्चा की गई। साथ ही भीमपुर में हुई ट्रैक्टर दुर्घटना को भी चर्चा के बिंदुओं में शामिल किया गया। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सडक़ निर्माण कार्य से जुड़े समस्त विभाग, समस्त अधिकारी सडक़ों के किनारों की स्थिति का भौतिक सत्यापन करें। जहां सडक़ों के किनारे उचित शोल्डर नहीं बनाए गए हैं, वहां शोल्डर बनाए जाएं एवं ध्यान रखा जाए कि शोल्डर निर्माण की कमी के कारण दुर्घटनाएं न हों। लापरवाही से अथवा बिना लाइसेंस के वाहन चलाने वालों पर प्रभावी चालानी कार्रवाई की जाए। हाईवे पर गलत साइड चलने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई हो। बैठक में पुलिस अधीक्षक सुश्री प्रसाद ने कहा कि सडक़ दुर्घटना होने की दशा में पीडि़तों के जीवन रक्षा के लिए तत्परता से प्रभावी प्रयास हों। इसके लिए स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों को भी आपातकालीन सहायता व्यवस्था के प्रति जागरूक किया जाए एवं उन्हें आपातकालीन दूरभाष नंबर भी उपलब्ध कराए जाएं। बैठक में वर्षा ऋतु के दौरान यात्री बसों एवं अन्य वाहनों के सावधानीपूर्वक/सुरक्षित संचालन करने के प्रति सचेत करने, बाढ़ एवं अतिवृष्टि के समय जलमग्न सडक़ों, पुल-पुलियाओं से वाहन नहीं निकालने के लिए पाबंद करने के निर्देश दिए गए। ट्रैक्टर ट्रालियों एवं अन्य व्यावसायिक वाहनों में रिफ्लेक्टर लगवाने की कार्रवाई सतत की जाए। साथ ही कहा गया कि बाजारों में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के सामने दुकानदारों की सामान रखने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जाए, ताकि बाजारों में सडक़ें यातायात के लिए खाली रहें। बैठक में जिला परिवहन अधिकारी श्री रंजना सिंह कुशवाहा ने बताया कि विभाग द्वारा विगत दिनों जिले के व्यावसायिक वाहन चालकों का नि:शुल्क नेत्र परीक्षण कराए जाने के अभियान के तहत 76 चालकों का नेत्र परीक्षण कराया गया। नर्सिंग होम एवं स्कूलों के सामने सुव्यवस्थित पार्किंग व्यवस्था के लिए प्रयास किए गए हैं। मैरिज गार्डन्स की पार्किंग को भी सुव्यवस्थित बनाया गया है। यातायात पुलिस द्वारा तेज गति से वाहन चलाने वालों के विरूद्ध 184 चालान बनाकर एक लाख 86 हजार रुपए का शमन शुल्क वसूला गया है। जिला परिवहन कार्यालय द्वारा शराब पीकर वाहन चलाने वाले 23 वाहन चालकों के लाइसेंस निलंबित किए गए। साथ ही यातायात पुलिस द्वारा आठ वाहन चालकों के विरूद्ध कार्रवाई कर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग करने वाले 14 वाहन चालकों के विरूद्ध चालान बनाकर सात हजार शमन शुल्क वसूला गया। दुर्घटना रोकने के दृष्टिगत 165 ट्रैक्टर ट्रालियों में रिफ्लेक्टर लगवाए गए। यह कार्रवाई निरंतर जारी है। बैठक में एनआईसी द्वारा विकसित किये जा रहे एकीकृत सडक़ दुर्घटना डेटाबेस पर आधारित सॉफ्टवेयर को भी पावर पाइंट प्रजेंटेशन के द्वारा दिखाया गया।

एंबुलेंस एवं आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं तत्परता से उपलब्ध रहें 

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