गुरुकुल की शिक्षा से विद्यार्थी शिक्षक चरित्रवान और सामाजिक सरोकार से जुड़ता था – सुने पांच दिवसी सीपीडी आधारित आचार्य अभ्यास वर्ग प्रारंभ
बैतूल। अभ्यास वर्ग में हमेशा भाग लेते रहना चाहिए इस अभ्यास वर्ग के माध्यम से नित नई जानकारियों की उपलब्धि होती है और शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिदिन नई जानकारियों को एकत्रित करना यह अपने आप में जोखिम भरा काम होता है यह उद्गार सतपुड़ा शिक्षा समिति के अध्यक्ष अंबादास सुने ने 5 दिन से सीपीडी आधारित आचार्य अभ्यास वर्ग कार्यक्रम के दूसरे दिन विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित शिक्षक अभिभावक गणों को संबोधित करते हुए कहा उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा आधुनिक शिक्षा के साथ संचालित हो रही है जिसकी वजह से युवा वर्ग सिर्फ पढ़ाई पर ही ध्यान दे रहा है जबकि प्राचीन काल में गुरुकुल संचालित होती थी जिसमें शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक सरोकार की जानकारी भी उपलब्ध की जाती थी जिसकी वजह से विद्यार्थी शिक्षित चरित्रवान और ऊर्जावान हुआ करते थे लेकिन वर्तमान शिक्षा से युवक शिक्षित तो हो रहे हैं लेकिन सामाजिक सरोकार से दूर हो जा रहे हैं जो चिंता का विषय बना हुआ है।उद्बोधन के पूर्व सरस्वती विद्या मंदिर सारनी में आचार्य दक्षता वर्ग का शुभारंभ 18 जून को किया गया यह आचार्य अभ्यास वर्ग 5 दिनों तक संचालित होगा जो 18 से 22 जून को समापन किया जाएगा।आचार्य अभ्यास वर्ग के द्वितीय दिवस का शुभारंभ हुआ जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में सतपुड़ा शिक्षा समिति के अध्यक्ष अंबादास सुने विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। आचार्य अभ्यास वर्ग के दुसरे दिवस पर सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य चंद्रशेखर टैगोर ने महानुभावों का परिचय कराया एवं अभ्यास वर्ग की महत्ता को प्रतिपादित किया वर्ग के मुख्य शिक्षक किशन लाल बघेल ने शारीरिक का अभ्यास कराया,वंदना अभ्यास के सत्र में सुश्री अंजलि पाल ने वंदना अभ्यास कराया,अनीता कौशिक ने शिक्षण सत्र में गतिविधि आधारित शिक्षा पर विषय रखा एवं सरिता तिवारी ने गीत और अभिनय के माध्यम से क्रिया आधारित शिक्षा को समझाया अगले सत्र में विद्यालय के प्राचार्य चंद्रशेखर टैगोर ने वार्षिक मासिक पाठ्यक्रम विभाजन का क्रियाकलाप कराया समापन सत्र में भरत लाल यादव अभिभावक उपस्थित रहे। इस प्रकार आचार्ज अभ्यास वर्ग के दुसरे दिन का समापन हुआ।पांच दिवसीय सीपीडी आधारित आचार्य अभ्यारण वर्ग में पधारे शिक्षक अभिभावक एवं अतिथि गणों का अनीता कोसे द्वारा आभार व्यक्त कर दूसरे दिन के कार्यक्रम का समापन किया। 
