कठिन संघर्ष और कड़ी मेहनत से गुनखेड़ की बेटी बनी डॉक्टर
नवागत मेडिकल ऑफीसर प्रीति गुजरे का अजास संगठन ने किया स्वागत
बैतूल। सपनों को साकार करने की जिद हो तो उसे पूरा किया जा सकता है। आठनेर तहसील के छोटे से गांव गुनखेड़ की बेटी ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है। अपने दिवंगत पिता इंजी .किशोरी गुजरे के सपनों को उनकी ज्येष्ठ बेटी सुश्री प्रीति गुजरे ने साकार कर दिखाया है। वे चिकित्सा क्षेत्र में मेडिकल आफीसर बनी। उन्होंने आठनेर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदभार भी संभाल लिया है। नवागत मेडिकल ऑफिसर डॉ प्रीति गुजरे के पदभार ग्रहण करने पर अजास संगठन और गुनखेड़ वासियों ने उनका भारतीय संविधान की उद्देशिका भेंट कर स्वागत अभिनन्दन किया। इस अवसर अजास संगठन के जिला अध्यक्ष और गुनखेड़ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता लीलाधर नागले ने कहा कि हमारे गांव गुनखेड़ की बेटी ने मेडिकल आफीसर बनकर अपने पिताजी और पूरे गुनखेड़ का नाम रोशन किया है।
कठिन संघर्ष ने किया सपनों को साकार
भारतीय संविधान की उद्देशिका भेंट की, पिताजी के सपनों को बेटी ने किया साकार
इस अवसर पर डॉ प्रीति ने कहा कि कठिन संघर्ष, कड़ी मेहनत करके अपने पापा के सपनो को साकार किया जिसकी सुखद अनुभूति हो रही है। डॉ प्रीति ने कहा कि मानव सेवा का यह पुनीत कार्य करने का सेवा भावी कार्य सर्वोत्तम हैं। समाजसेवी मानिकराव नागले ने बताया कि पूर्व में भी हमारे गुनखेड़ गांव की बेटी सुश्री पूजा नागले ने अखिल भारतीय वन सेवा में चयनित होकर अपने दिवंगत पिता यशवंतराव नागले और पूरे गुनखेड़ का नाम रोशन किया है। वरिष्ठ समाजसेवी इसना नागले ने कहा कि गुनखेड़ की बेटियों ने प्रदेश में नाम रोशन कर ऐतिहासिक रूप से बेटियों के अभिमान, गौरव को बढ़ाया है। इस अवसर पर अजास जिला अध्यक्ष लीलाधर नागले, माणिकराव नागले, सुंदरलाल वामनकर, इसना नागले, पप्पू पाटिल सहित ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
गुनखेड़ की एक बेटी पहले भी बन चुकी है आई.एफ.एस.