बकलोल:कहा सुनी- अफसरों के लिए खुशखबरी, वे बैतूल को आगे भी चारागाह की तरह ही इस्तेमाल कर सकते है, तबादला होने का खतरा टल गया !
बैतूल। Baklol: Where did you hear Good news for the officers, they can use Betul as a pasture even further, the danger of being transferred is averted! तबादलो का मानसून अब नही आने वाला ,सरकार ने इस मानसून की जो भविष्यवाणी की थी उसकी भी तारीख 5 अक्टूबर निकल चुकी है , वही सीएम ने भी जनप्रतिनिधियों को संकेत दे दिए है कि वे अफसरों को बड़े पैमाने पर इधर उधर करने के मूड में नही है क्योंकि पी एस स्तर के अफसरों ने उन्हें प्रशानिक व्यवस्था के लिए तबादलो से बचने की सलाह दी है। इसलिए जो अफसर ऊहापोह की स्थिति में है वे टेंशन छोड़े और अपने उस उद्देश्य या लक्ष्य की पूर्ति में दुगनी ताकत से लग जाए जिसके लिए वे बैतूल जैसे चारगाह में आए थे। बैतूल बढ़िया जगह है जुगाली करने के लिए , कोई रोकने टोकने वाला नही है। जिन्हे जनता ने चुना है और जो सत्ताधारी होने का तमगा लेकर चल रहे उनके पास अपने ही इतने काम धंधे है कि उनकी अफसरों की वर्किंग पर कुछ कहने की हिम्मत नही पड़ती । वे तो बेचारे खुद रेत जैसे धंधे को लेकर अफसर के लिए सेवा का भाव रखते है और वही जो विपक्ष के नुमाइदे है वे अपनी दुकानदारी के मंच पर अफसर के साथ फेसबुक लाइव होकर फीलगुड करते है। अफसर भी समझ चुके है कि चूतियो और दब्बू टाइप सोच वालो का जिला है इसलिए उनको सुनहरा मौका है कि वे लक्ष्य की पूर्ति में तनिक भी कोताही न करे। रही बैतूल की मीडिया की तो वहा रीढ़ की हड्डी का भारी आभाव है। उसे भी अफसरों के सुर में सुर मिलाने में गर्व महसूस होता है। कुछ तो ऐसे भी है कि कोई साहब अपने सू सु करने की जानकारी दे दे तो उसमे भी संवेदनशील होने का सर्टिफिकेट प्रदान कर चार कालम की खबर पेल दे। इसलिए अब जो मौका मिल रहा है उसका अफसर पूरा लाभ ले और दिन दूनी रात चौगनी तरक्की दोनो हाथो से समेट ले,वैसे भी बैतूल की जनता को तो आदत है ही कि साहब लोगो की बेगजब आर्थिक तरक्की में अपना खुले मन से योगदान दे कर अपना और जिले का नाम स्वर्ण अक्षरों में साहब लोगो के दिल में अंकित करे। बैतूल की राजनीति को यह अच्छे समझ लेना चाहिए की जो अफसर है वे उन से बड़े राजनीतिज्ञ है और उन्हें केवल मोहते की तरह ही उपयोग करते है।
बाकी सब खैरियत है।