बकलोल: जबरन की बक बक – भाजपा चुनाव जीत भी गई हैं तो बैतूल या पब्लिक को कौन सा अबरू का खजाना मिल जाएगा, कांग्रेस जीत जाती तो भी क्या मिल जाता!

बैतूल। Baklol: Forcibly Buck Buck Even if the BJP has won the election, then Betul or the public will get the treasure of which Abru, what would have happened even if the Congress had won! स्थानीय चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया पर इससे पब्लिक को क्या मिल रहा , यह भी स्पष्ट होना चाहिए। लोगो को पता चलना चाहिए कि क्या इससे प्रशासनिक सिस्टम दुरुस्त हो जाएगा, क्या इससे जिला अस्पताल का वसूली सिस्टम बंद हो जाएगा, क्या इससे रेत के अभाव जैसा जबरन का संकट खत्म हो जाएगा, क्या इससे भ्रष्ट निक्कमे अफसर बैतूल को चारागाह समझना बंद कर देंगे, क्या इससे अवैध धंधा पर कारवाई होने लगेगी, क्या इससे रोजगार के मौके उपल्ब्ध होने लगेंगे आखिर स्थानीय चुनाव की जीत से हासिल क्या होगा ? कायदे से इस तरह के सवाल कांग्रेस के विधायकों को पुछना चाहिए पर उनके लिए यह सवाल वोट बैंक को जरिया नजर नही आते, उनको लगता है कि तेरहवीं, बर्थडे,और जुलूस जलसे में डांस के लिए उन्हें वोट मिले थे और यही करना उनका नैतिक कर्तव्य है। रही बात मीडिया की तो ज्यादातर के लिए पेट और पेट के नीचे की खुद की समस्या का समाधान ही सबसे बड़ा मसला है, वही एक दो तो ऐसे है जिनका अपना एजेंडा है और उनकी बुद्धि स्वार्थ से ऊपर नही उठ पाती। पब्लिक भी तो कम नही है बैतूल की, वह भी जिनको वोट देती है उनसे सवाल तक नही करती बस कुढ़ते रहती है, इसलिए तो वोट लेकर शेंडिया जी बनने वाले जनहित में आवाज उठाने की जगह राम मंदिर का चंदा मांगते है, रेत में से तेल निकालने के चक्कर में पब्लिक का ही तेल निकालने पर उतर आते है , अपने करोड़ो के फूड पार्क को उपलब्धि के तौर पर फोकस करते पाए जाते है। इसलिए किसी के चुनाव जीतने या हारने से पब्लिक या बैतूल को कुछ हासिल होगा इसकी कोई गुंजाइश नहीं है। बरसे भी बैतूल में नौकरशाही ही तय करती है कि क्या होगा और क्या नही होगा, जिन्हे पब्लिक वोट से चुनती है वे तो बस हा में हा मिलाने के लिए है।

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