भाजपा विधायक के दबाव से रेत खनन को मुक्त कराने कांग्रेस का हल्लाबोल

बैतूल। Congress’s ruckus to free sand mining from the pressure of BJP MLA इसे विडंबना ही कहेंगे कि दिवाली के मौके पर जिले के भाजपाई जनप्रतिनिधि और अधिकारियों की मिलीभगत से मजदूर वर्ग की खुशियों पर ग्रहण लग गया है। दूसरी ओर रेत संकट के बीच आवास योजना के हितग्राहियों को जल्द निर्माण पूरा करने का प्रेशर दिए जाने का मामला सामने आ रहा है, ऐसी स्थिति में आवास योजना के हितग्राही और मजदूर वर्ग बेहद चिंतित नजर आ रहे हैं, एक तो रेत की किल्लत के चलते आवास योजना के मकान पूर्ण होना असंभव है, वही मजदूर वर्ग दिवाली के समय बेरोजगार है इससे उनके सामने आर्थिक संकट की स्थिति निर्मित हो गई है। इसका पूरा प्रभाव दीपावली पर्व पर पड़ेगा रेत संकट के चलते मजदूर वर्ग दिवाली की खुशियां नहीं मना सकेंगे। वहीं बाजार में भी मंदी रहेगी।

कांग्रेस ने फिर उठाया मुद्दा
इस मामले में शुक्रवार को कांग्रेस के कार्यवाहक जिला अध्यक्ष हेमंत वागद्रे ने राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बैतूल में रेत संकट का निराकरण जल्द से जल्द करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि बैतूल में रेत खदान होने के बावजूद केवल ठेकेदार के हित को देखते हुए खदानें नहीं खोली जा रही है, जिसकी वजह से रेत मनमाने दाम में बिक रही है। रेत न मिलने से प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य सरकारी निर्माण भी ठप पड़े हैं। इस स्थिति के लिए रेत ठेकेदार के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी भी जिम्मेदार हैं विशेषकर खनिज विभाग के अधिकारी। जिन्होंने समय रहते सही फैसला न लेते हुए ठेकेदार के हित को देखते हुए उसे न्यायालय जाने का पूरा मौका दिया।
खनिज विभाग ने नहीं निकाला वैकल्पिक रास्ता
वागद्रे ने आरोप लगाया कि न्यायालय में जो मामला लंबित है वह टेंडर प्रक्रिया से संबंधित है। इसके बावजूद खनिज विभाग ने वैकल्पिक खनन को लेकर कोई रास्ता ही नहीं निकाला। इस वजह से जिले में रेत का भयंकर संकट पिछले 5 महीने से चल रहा है, निर्माण कार्य ठप पड़े है। बाजार में पैसा नहीं है। दीपावाली जैसे मौके पर मजदूर वर्ग बेरोजगार है एवं डम्पर और tractor वाले भी परेशान है उनकी बैंक की किस्ते भी जमा नही हो पा रही है। इन तमाम स्थितियों से पूर्व में भी अवगत कराया गया था, लेकिन प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया। प्रशासन चाहे तो पंचायतों के माध्यम से कुछ खदानों का संचालन कर रेत का संकट दूर कर सकता है, लेकिन राजनैतिक दबाव में ठेकेदार के हित में यह फैसला भी नहीं ले रहा है। ठेकेदार के हित को ध्यान में रखते हुए अन्य जिलों से रायल्टी पर रेत लाने वालों को अलग-अलग तरीके से परेशान किया जा रहा है। जिसमें प्रशासनिक अधिकारी भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे है। हमारी मांग है कि खदानों का संचालन अविलंब शुरू किया जाए। जब तक कोर्ट का फैसला नही आता तब तक स्वयं प्रशासन खनिज विभाग के माध्यम से खदानें संचालित करें या फिर पंचायतों के माध्यम से खदानें संचालित करें। साथ ही अब तक शासन को जो राजस्व का नुकसान हुआ है उसकी रिकवरी खनिज अधिकारी और ठेकेदार से की जाए यदि शीध्र ही इसका हल नही निकाला गया तो कांग्रेस मजदूरों एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राही के हित में चक्काजाम जैसे आन्दोलन करने पर मजबूर होगी।
यह कांग्रेस जन रहे मौजूद
कार्यवाहक जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी बैतूल हेमंत वागद्रे, पूर्व जिलाध्यक्ष शांतिलाल तातेड, पूर्व सहकारी बैंक अध्यक्ष अरुण गोठी, प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधी नवनीत मालवीय, सेवादल जिलाध्यक्ष अनुराग मिश्रा, मुकेश लल्ली वर्मा, धीरू शर्मा, सुनील जेधे, राजकुमार दीवान, रजनीश सोनी, राजा सोनी, राजेश गावंडे, सरफराज खान, आमला ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मनोज देशमुख, बोरदही ब्लॉक अध्यक्ष निंदी चचेड़ा, आमला नगर पालिका अध्यक्ष नितिन गाडरे, जनपद पंचायत अध्यक्ष घोड़ाडोंगरी राहुल उइके, जनपद पंचांगत उपाध्यक्ष ज्ञान सिंह परते, शेख आबिद अल्ताफ भाई, नसीर हुसैन, राजू देशमुख, गुलशन मिश्रा, प्रदीप कोकाटे, नितिन महतो, नीरज राठौर, अतुल शर्मा, मनीष नागले, मोहसिन खान, सलमान खान, शिवम सिसोदिया, तरुण, नितिन, मिथुन विश्वास, रविकांत उगड़े, नितिन सरत्कार,अशोक सोनी, गोलू सोनी, पंकज वर्मा, गोलू देशमुख, अनिकेत गुदवारे, तरुण गुप्ता, दीपक अठनकर, मोनू, गुलशन मिश्रा, देवेन्द्र लाड़गे, नीरज राठौर, तरुण गुप्ता, संजू वाडीवा, गजेंद्र खलतकर, जावेद ठेकेदार, फजल खान, सद्दाम खान, मोहसिन खान, नईम भाई, बंटी कापसे, प्रवीण तिवारी, दीपक आठनकर, मिथुन विस्वास, नितिन महतो, माखन बैठे, रुस्तम मर्सकोले, शिवम ठाकुर, योगेश उइके, सचिन नागले आदि सैकड़ों कांग्रेस जन उपस्थित थे।

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