बैतूल।The incident of attack on a fearless crook, lax law and order journalist caught fire in the city, Youth Congress gave warning of Betul bandh, submitted memorandum to the Governor पत्रकार पंकज सोनी के खिलाफ षडयंत्र पूर्वक हमले की घटना ने कानून व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। शहर में दिन-ब-दिन अराजकता का माहौल पैदा हो रहा है। पत्रकार पर हमले की घटना के बाद शहर की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। यह घटना पुलिस के बड़े अफसरों के दावों की हकीकत बता रही है। जमीन पर कुछ नजर नहीं आ रहा है। हमले की इस घटना ने अब तूल पकड़ लिया है। गुरुवार को युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैतूल बंद करने की चेतावनी दी है। राज्यपाल के नाम कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अराजक तत्वों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है। युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सरफराज खान ने कहा कि शहर में चोरी की घटनाओं को काबू करने में नाकाम पुलिस पहले ही लॉ एंड ऑर्डर को लेकर कठघरे में है, लेकिन विगत दिनों जिस तरह अराजक तत्वों द्वारा पत्रकार के साथ मारपीट की वारदात को अंजाम दिया गया, उससे कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस घटना ने कानून व्यवस्था को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि षडयंत्र पूर्वक महिलाओं के द्वारा हमला करवाना कोई मामूली वारदात नहीं है, इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा दिया। श्री खान ने कहा कि देश के चौथे स्तंभ कही जाने वाली मीडिया पर हमला बहुत ही शर्मनाक और निंदनीय है। प्रशासन पंकज सोनी जैसे दिव्यांग पत्रकार पर हमले के मामले में स्पष्ट संज्ञान ले और निष्पक्ष कार्यवाही सुनिश्चित करें। साथ ही शहर के लोगों में कानून की व्यवस्था को लेकर जो अविश्वास का माहौल बन रहा है उसे दुरुस्त करने ठोस कदम उठाया जाए अन्यथा युवा कांग्रेस बैतूल बंद जैसे आंदोलन करने तत्पर रहेगा। ज्ञापन सौंपने वालों में अनवर खान, दानिश खान, अफरोज खान, शेख समीर, शेख आरिफ, अनिकेत, आकाश पवार सहित अनेक युवा कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल थे।
कौन है जिम्मेदार…
युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए कि क्या अपराधियों के इस दुस्साहस के लिए कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने का दावा करने वाले अफसर जिम्मेदार नहीं हैं? पुलिस के तमाम आला अफसर कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त होने का दावा करते रहते हैं… लेकिन पत्रकार पर हमने की घटना के बाद ये साफतौर पर कहा जा सकता है कि बैतूल शहर में कानून-व्यवस्था वैसी तो बिल्कुल नहीं है जिसका दावा पुलिस के आला अधिकारी करते हैं।