बैतूल। The team returned after completing the educational journeyLife style of tribals seen in tribal museum मप्र उच्च शिक्षा उन्न यन परियोजना के अन्तसर्गत स्वामी विवेकानन्द कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा गणित विभाग के स्नातक और स्नात्तकोत्तर अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों का फुटवियर डिजाइन एवं डेवलपमेंट इंस्टी्ट्यूट एफडीडीआई छिन्दवाड़ा मप्र एवं श्री बादल भोई राज्य आदिवासी संग्रहालय छिन्दिवाड़ का औद्योगिक एवं शैक्षणिक भ्रमण किया गया। एफडीडीआई, वाणिज्यक एवं उद्योग मंत्रालय, सरकार के तत्वावधान में भारत का एफडीडीआई अधिनियम 2017 के तहत राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। जेएच कॉलेज के गणित विभाग के स्नातक और स्नात्तकोत्तर के 60 विद्यार्थियों एवं 4 प्राध्यापकों द्वारा यह भ्रमण किया। निगमित एवं जनसम्पर्क विभाग से सहायक प्रबंधक जागृत सदारंभ एवं सहायक प्रबंधक मनोज कुमार शर्मा द्वारा कॅरियर गाइडेंस कार्यशाला का आयोजन भी किया। कार्यशाला में एफडीडीआई से सम्बयधित सभी जानकारी, रोजगार एवं स्वजरोजगार के अवसर एवं संचालित पाठ्यक्रमों की जानकारी प्रदान की। विद्यार्थियों ने एफडीडीआई में समस्ता लैब, ऑडिटोरियम, खेल परिसर, लाइब्रेरी, डिजाइनिंग लैब, कटिंग, क्लीजिंग, कॉम्पोनेन्टे व लास्टिंग लैब, फैशन स्टूडियो, गारमेंट कंस्ट्रजक्शन लैब एवं प्रशासनिक भवन आदि का भ्रमण किया। इसके पश्चारत् आदिवासी संग्रहालय का सभी विद्यार्थियों एवं प्राध्यापाकों ने भ्रमण किया। यह संग्रहालय 20 अप्रैल 1954 में खोला गया। राज्य संग्रहालय है, 8 सितम्बिर 1997 को आदिवासी संग्रहालय का नाम बदलकर ‘श्री बादल भोई शासकीय आदिवासी संग्रहालय’ कर दिया गया। यह सारे जनजातीय संग्रहालयो में सबसे पुराना है। विद्यार्थियों ने मप्र की लगभग 46 जनजातियों की जीवन शैली, सांस्कृलतिक धरोहर प्रतीक चिन्हों और कला शिल्पी जिसमें मुखैटे, अग्नि प्रज्वलन के साधन, देवी देवताओं की मूर्तिया, कृषि उपकरण, पेंटिग्स, अस्त्र-शस्त्र, आदि का अवलोकलन किया एवं संबंधित जानकारी प्राप्ति की। इनकी कुल संख्या् 2200 है। विद्यार्थियों ने बताया कि यह यात्रा उनके लिए उपयोगी और ज्ञानवर्धक रही जिससे उन्हें बहुत सिखने को मिला।
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