अब संगीत से पहाड़े सीखेंगे आदिवासी अंचल के बच्चे

बेटी खुशी के जन्मदिन पर लोक गायक राजेश सारियाम ने दी सौगात

बैतूल। Now the children of tribal area will learn the hills from music जिले के जाने-माने लोक गायक राजेश सरियाम ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नायाब खोज की है। अपनी संगीत कला को उन्होंने शिक्षा से जोड़कर जबरदस्त नमूना पेश किया है। उन्होंने अपनी बेटी खुशी के जन्मदिन पर पहाड़े को संगीत में तब्दील किया है ताकि बच्चे खेल खेल में संगीत के माध्यम से पहाड़े याद कर सकें। इस गीत को खुशी सरियाम ने गाया है। राजेश सरियाम की इस रचना से बच्चे अब आसानी से पहाड़े सीख सकेंगे। उन्होंने बताया कि अपनी बेटी खुशी सरियाम के जन्म दिवस पर उन्होंने आदिवासी अंचल के बच्चो के लिए आदिवासी धुन पर संगीत मय पहाड़ा तैयार किया है। आदिवासी अंचल के बच्चे अब अपनी भाषा में भी इन पहाड़ों को याद कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि गायक राजेश सरियाम निशुल्क कोचिंग क्लास के संचालक है। उनका मानना है कि आदिवासी धुन पर बच्चे बगैर मानसिक तनाव के पहाड़े याद कर सकेंगे। इससे मोबाइल का भी सदुपयोग होगा और बच्चों का पढ़ाई के प्रति लगाव भी बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उन्होंने नई नई तकनीक इजाद की है। जिसके सफलतम परिणाम मिले। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी संगीतमय तरीके से कराई जाएगी। आदिवासी फोक स्टूडियो के माध्यम से ऐसे बच्चे जो अपनी गरीबी के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर सकते, जिला मुख्यालय पर आकर नहीं रह सकते उनके लिए आदिवासी फोक स्टूडियो शिक्षा के क्षेत्र में वरदान साबित होगा।

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