शासकीय जमीनों को अनाधिकृत रूप से हड़पने का प्रयास
अध्यक्ष, सीएमओ के खिलाफ परिषद के अधिकारों के विपरीत एजेंडा प्रस्तुत करने का आरोप पार्षद ने जिला कलेक्टर से की शिकायत, लगाए कई गंभीर आरोप
Betul News: बैतूल। नगर परिषद चिचोली(President)अध्यक्ष और सीएमओ पर पद का दुरूपयोग कर परिषद के अधिकारों के विपरीत एजेंडा प्रस्तुत करने का गंभीर मामला सामने आया है।इस मामले में वार्ड क्रमांक 15 की पार्षद नेहा रुपेश आर्य ने दोनों के खिलाफ कलेक्टर से शिकायत की है।
पार्षद ने अध्यक्ष परिवार के खिलाफ शासकीय जमीनों को अनाधिकृत रूप से हड़पने के लिए षड़यंत्र पूर्वक लाए गए एजेंडे को निरस्त करवाने की मांग की। उन्होंने कलेक्टर से मांग करते हुए कहा कि नगर परिषद चिचोली की सीमा में स्थिति समस्त शासकीय भूमि एवं भवनों के गलत हस्तांतरण पर अविलम्ब रोक लगाकर संबंधितो पर कार्यवाही की जाए। एजेंडे की सूक्ष्मता से जांच की जाए, समस्त शासकीय जमीन एवं भवनों को किसी भी परिस्थिति में नगर परिषद के नाम हस्तांतरित नही होनी चाहिए।
ये है पूरा मामला
कलेक्टर को सौंपे गए आवेदन में उल्लेख किया गया है कि नव निर्वाचित नगर परिषद् चिचोली का विशेष सम्मेलन दिनांक 24 नवंबर को आयोजित किया गया। जिसके एजेंडे में परिषद के अधिकारों के बाहर जाकर अध्यक्ष और मुख्य नगर पालिका अधिकारी के द्वारा गलत तरीके से एजेंडा बनाया गया।
समस्त पार्षदो को विशेष सम्मेलन के एक सप्ताह पूर्व एजेण्डा दिया जाना था, वह 21 नवम्बर की दिनांक अंकित है और 22 नवम्बर को सांयकाल एजेण्डा भिजवाया गया जबकि सम्मेलन 24 नवंबर को अंकित है, पार्षद का कहना है कि यह गलत प्रक्रिया है इसे तत्काल निरास्त किया जाए। उन्होंने बताया कि एजेण्डा क्रं. 1 में वार्ड क्रं. 4 एवं 7 जय स्तम्भ चौक से वीर दुर्गादास चौक तक डामरीकरण करने का प्रस्ताव शामिल है। यह मार्ग परिषद के द्वारा 2 वर्ष पूर्व ही बनाया गया है। इसे एजेण्डा से बाहर किया जाए।
उन्होंने अध्यक्ष व सीएमओ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि एजेण्डा क्रं 5 व वार्ड क्र. 9 में तालाब का सौंदर्यीकरण वित्तीय वर्ष 2020-21 में किया गया, सौंदर्यीकरण का क्या औचित्य है इसे एजेण्डा से विलोपित किया जाए। एजेण्डा क्रं. 7 में गुमठी निर्माण का स्पष्ट उल्लेख नही है इसे स्पष्ट करवाया जाए।
कागजों पर सड़क निर्माण
पार्षद का आरोप है कि हर वर्ष सड़क निर्माण होता है जो घटिया है, शासकीय राशि का दुरूपयोग है, चार से 6 माह के पश्चात ही सड़कों का पुनः ही मरम्मत का प्रस्ताव क्यों लाया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि परिषद् का अपने अधिकारों के विपरीत जाकर शासकीय विभागों की भूमि एवं भवनो पर नामांतरण के प्रयास वाले एजेण्डो को विलोपित किया जाए।
निकाय क्षेत्र में संचालित शासकीय स्कूलों को संबंधित विभाग में जोड़े रखा जाए। जो मार्ग 2-3 वर्ष पूर्व बने है उनका निर्माण बार-बार कागज पर दिखाकर होने वाले भ्रष्टाचार और शासकीय राशि का दुरूपयोग बंद होना चाहिए।