अतिक्रमण के नाम पर गरीब परिवार पर प्रशासन ने बरशाया कहर
हाड़ कपा देने वाली ठंड में खुले आसमान के नीचे गुजर-बसर करने के लिए मजबूर
Betul Mirror News: बैतूल। प्रभात पट्टन तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पचधार में शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के नाम पर की गई कार्यवाही से एक गरीब परिवार बेघर हो गया है। हाड़ कपा देने वाली इस ठंड में परिवार को खुले आसमान के नीचे गुजर-बसर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यहां वर्षों से कच्चे मकान बनाकर रह रहे आनंद राव पिता श्यामराव कुनबी के घर को प्रशासन ने जेसीबी से तोड़ डाला। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जद में परिवार की माली हालत काफी दयनीय हो गई है। घर टूटने के कारण अब उन्हें रहने के लिए कोई आशियाना नहीं बचा।
वे अपनी घर गृहस्थी का सामान खुले में रखने को मजबूर हैं। न्याय की आस लगाए इस बेबस परिवार ने मंगलवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर तोड़े गये मकान के स्थान पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाये जाने की गुहार लगाई। ज्ञापन की प्रतिलिपि उन्होंने(CM) मुख्यमंत्री, राज्य मानव अधिकार आयोग व जिला पंचायत सीईओ को भी प्रेषित की है।
रोता बिलखता रहा परिवार
अतिक्रमण हटाने के दौरान अपना घर टूटते हुए देख रहे परिजनों की आखों से आंसू छलक रहे थे। परिवार में मिन्नते करते रहा, लेकिन किसी ने एक ना सुनी। पीड़ित ने आनंद राव ने आरोप लगाया कि प्रभात पट्टन तहसीलदार द्वारा पुलिस बल को साथ में लेकर बर्बरता पूर्वक कार्यवाही की गई। रात को सर्दी में परिवार को लेकर कहां जाऊं, अब तो सिर छुपाने के लिए जगह भी नहीं है। आनंद राव ने बताया कि करीब 8 से 10 वर्षों से इस जगह पर निवास कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि उनका कच्चा मकान ग्राम पचधार की आबादी क्षेत्र में बना हुआ था। ग्राम पंचायत एवं तहसीलदार मुलताई के द्वारा 2012 में पटटा देने की अनुमति दे दी गई थी। पंचायत द्वारा परिवार नियोजन करने पर भूमि एवं पट्टा देने का आश्वासन दिया था। जिसके बाद उक्त भूमि पर वे कच्चा मकान बनाकर रह रहे थे। अब कड़ाके की ठण्ड में आसमान के नीचे प्लास्टिक का पाल लगाकर किसी प्रकार से रात गुजारना पड़ रहा है।
वीडियो बनाने पर पुत्र से की मारपीट
आनंद राव ने बताया कि अतिक्रमण की कार्यवाही में मकान में रखा अनाज, बच्चो की कापी पुस्तके, ओढ़ने बिछाने का सामान पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। ऐसी स्थिति में पत्नी एवं बच्चों का पेट पालना मुश्किल हो रहा है। कार्यवाही के दौरान वह घर पर नहीं थे। पत्नि को महिला पुलिस द्वारा वाहन में बैठाकर रखा था। पुत्र मोबाईल में कार्यवाही का वीडियो बनाने लगा तो उसके साथ मारपीट की गई, मोबाईल छीन लिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत में एकमात्र मैं आवेदक का मकान ही तोड़ा गया।
अन्य किसी का नही जबकि इस गाव में और भी लोगो के मकान अतिक्रमण में बने है। पक्षपातपूर्ण कार्यवाही के चलते उनके परिवार के सामने गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। परिवार ने जिला प्रशासन से उचित जांच कर न्याय दिलाने की मांग की है।