जेल की जमीन को बेचने वाले जाएंगे जेल: हेमंत
जेल की भूमि निजी क्षेत्र को सौंपे जाने का कांग्रेस ने किया पुरजोर विरोध

Betul Mirror News: बैतूल। जिला मुख्यालय के करीबी गांव कढ़ाई में प्रस्तावित जिला जेल निर्माण का सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया है। जिला कांग्रेस कमेटी के ग्रामीण जिलाध्यक्ष हेमंत (Hemant wagdre) वागद्रे के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंचे कांग्रेसियों ने कलेक्टर (DM) को दो टूक शब्दों में कहा कि यह जमीन बेचा जाना अपराध है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी विधानसभा में जवाब में कह चुके हैं कि जमीन नहीं बेच सकते हैं। लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा निजी क्षेत्र के साथ साथ अनुबंध कर निर्माण कार्य नहीं किया जाता है। नगरीय सीमा में आने वाली परिसम्पत्तियों को बदलकर नगरीय सीमा के बाहर ग्रामीण इलाकों में निर्माण नहीं किया जाता है। कांग्रेसियों ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा स्पष्टीकरण देने के बाद भी जेल की जमीन को नियम विरुद्ध तरीके से बेची जा रही है। ज्ञापन देते समय वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण गोठी, प्रदेश कांग्रेस सचिव समीर खान, रजनीश मंगू सोनी, राजेश गावंडे, राजा सोनी, प्रतीक देशमुख, सरफराज खान, बंडू कुंभारे आदि कांग्रेस नेता उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने कहा शासन को लिखेंगे पत्र
कलेक्टर ने कांग्रेसियों को आश्वासन देते हुए कहा कि वह इस संबंध में शासन को पत्र लिखेंगे। वागद्रे ने कहा कि जमीन बेची गई तो हाईकोर्ट की शरण लेंगे। जेल की जमीन को बेचने वाले जेल जाएंगे, चाहे वह कोई भी हो। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दलित आदिवासी परिवारों के साथ अन्याय नहीं होने देगी। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जेल की भूमि निजी क्षेत्र को सौंपे जाने से सम्बंधित निर्णय तथा अनुबन्ध को तत्काल निरस्त करने की मांग की।
वागद्रे ने कहा कि जेल विभाग ने जिस जमीन पर नई जेल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है।
इस शासकीय जमीन पर कई आदिवासी परिवार खेती कर रहे है। कढ़ाई गांव में तैयार किए जाने वाले इस जेल को लेकर आदिवासियों ने भी अपना विरोध जताते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने बताया कि उक्त खसरे और रकबे में अनेक आदिवासी, दलित परिवार रहते हैं। सालों से उक्त जमीन उनकी आजीविका का साधन है। शासन की भू-अधिकार नीति के तहत ग्रामीणों को पट्टे मिलना चाहिए पर ऐसा न कर उन्हें उजाड़ने का काम किया जा रहा है। यह शासन की नीति के खिलाफ है। इस मामले में न कोई जन सुनवाई हुई है और न ही जन प्रतिनिधियों को भरोसे में लिया गया। जो हो रहा यह सब जन भावना के खिलाफ है।
इन मुद्दों पर किया धनाकर्षण
– शहरी क्षेत्र में सम्पति दी जाकर उससे ग्रामीण क्षेत्र में निर्माण किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। विधि विरुद्ध तरीके से कोठीबाजार स्थित जेल की संपत्ति को दिया जाकर ग्राम कढाई में निर्माण की अनुमति दी गई है।
– ग्राम कढाई में जिस सम्पत्ति पर निर्माण कार्य किया जा रहा है उस पर अनुसूचित जाति के किसान और उसके परिवार का वर्षों से कब्जा है जिसे वह भूमि भूस्वामी हक पर आवंटित करना था नहीं की गई किसान को जबरन भूमि से बेदखल किया गया है।
जेल की भूमि बैतूल शहर के लिए सार्वजानिक सुविधाओं एवं अधोसंरचना विकास के लिए कार्य में आने वाली एक मात्र भूमि है जिसका व्यवसायिक उपयोग किये जाने से आने वाले समय में शहर में अनेक गंभीर समस्याएं भी होगी। इस समस्या को लेकर नगर पालिका परिषद बैतूल के पार्षदगण चिंता व्यक्त कर चुके है विधिवत इस भूमि से संबंधित प्रस्ताव भी लिया जा चूका है।
विधानसभा में भी उठाया गया था मुद्दा
गौरतलब है कि जिला जेल की जमीन ओने पौने दाम में निजी क्षेत्र को बेचे जाने का मुद्दा विगत दिनों विधानसभा में भी गर्माया था। यहां मंडला क्षेत्र के कांग्रेस विधायक डॉ अशोक मर्सकोले ने विरोध दर्ज करते हुए विधानसभा में प्रश्न लगाए थे।
डॉ मर्सकोले ने विधानसभा में प्रश्न लगाते हुए जवाब तलब किया था कि क्या मुख्यमंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक परिसम्पत्ति को निजी क्षेत्र के साथ अनुबंधन कर विभिन्न निर्माण के लिए सौंपे जाने से संबंधित क्या-क्या प्रावधान किस-किस अधिनियम की किस-किस धारा के अनुसार राज्य में किस दिनांक से लागू किए गए हैं? (ख) लोक परिसम्पत्ति प्रबंध हेतु राज्य में किस दिनांक से कानून तथा नियम लागू किए गए हैं।
उसके अनुसार नगरीय सीमा में आने वाली किन- किन परिसम्पत्तियों के बदले नगरीय सीमा के बाहर ग्रामीण इलाकों में निर्माण बाबत् क्या-क्या प्रावधान हैं? कानून एवं नियम की प्रति सहित बतावें। (ग) गत पांच वर्षों में होशंगाबाद सम्भाग के किस-किस जिले में कितने क्षेत्रफल की किस-किस परिसम्पत्ति से संबंधित किस-किस के साथ किस दिनांक को अनुबंध किया? वैकल्पिक रूप से किस स्थान पर कितने क्षेत्र में किस निर्माण का अनुबंध किया है? (घ) किस-किस अनुबंध को लेकर माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय उच्चतम न्यायालय ने किस-किस दिनांक को स्थगन दिया है? स्थगन की प्रति सहित बतावें।