2 लाख जमा करवाने के बाद निकाल लिया ट्रांसफार्मर, दर्ज किया चोरी का प्रकरण

5 प्रतिशत सुपरविजन जमा योजना के नाम पर लुट रहे किसान

किसानों ने कलेक्टर से की शिकायत, विद्युत वितरण केन्द्र दुनावा का मामला

Betul Mirror News: बैतूल। अन्नदाता किसान खेतों में दिन रात मेहनत कर अधिकारी से लेकर नेता तक का पेट भरते हैं, लेकिन यही अन्नदाता बिजली विभाग की तानाशाही से चौतरफा लूट के शिकार हो जाते हैं। ट्यूबवेल कनेक्शन हो या फिर नया ट्रांसफार्मर, इनको हर उस जरूरत के नाम पर लूटा जाता है, जिसकी इन्हें जरूरत होती है। ऐसा ही एक मामला जिला मुख्यालय अंतर्गत आने वाले ग्राम मयावाडी का सामने आया है, जहां के 2 किसानों के साथ बिजली विभाग ने 5 प्रतिशत सुपरविजन जमा योजना के नाम पर राशि जमा करवा ली, लेकिन उन्हें ट्रांसफार्मर की सुविधा नहीं दी गई, उल्टा विभाग द्वारा इन किसानों के ऊपर चोरी का प्रकरण बना दिया गया।

इस मामले की शिकायत किसानों ने कलेक्टर से की है। कलेक्टर को सौंपे शिकायत आवेदन में किसान मुन्नालाल मानमोडे एवं विनोदकुमार डोंगरदिये ने आरोप लगाया कि 5 प्रतिशत सुपरविजन जमा योजना अंतर्गत राशि जमा करने के बावजूद विद्युत वितरण केन्द्र दुनावा के प्रबंधक द्वारा ट्रांसफार्मर की विद्युत सप्लाई बंद कर दी गई। इसके बाद 30 जनवरी (January) को उक्त ट्रांसफार्मर को निकालकर ले गये। इसके बाद किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। ट्रांसफार्मर के फेर में उलझे किसानो की समस्या सुनने वाला भी कोई नहीं है।

ट्रांसफार्मर लगाने के लिए किया था 2 लाख 30 हजार का भुगतान
पीड़ित किसानों ने बताया कि 5 प्रतिशत सुपरविजन योजनान्तर्गत ग्राम मयावाडी में बादल डोह डेम (बाबड्या) पर 63 केवी ट्रांसफार्मर व लाईन लगाने हेतु ठेकेदार सूर्यवंशी के माध्यम से उन्होंने माह अक्टूबर में विद्युत वितरण केन्द्र कार्यालय दुनावा में 2 लाख 30 हजार जमा किए थे। कनेक्शन राशि का भुगतान करने के बाद ठेकेदार द्वारा लगभग दो माह में 63 केवी का ट्रांसफार्मर लगाया था। इसके बाद सहायक प्रबंधक यशवन्त यादव वितरण केन्द्र दुनावा द्वारा कहा गया कि आपका ट्रांसफार्मर लगाकर चालू कर दिया।

अब आप इससे सिंचाई कार्य कर सकते है। किसानों ने बताया कि उन्होंने मोटर पाईप लगाकर सिंचाई का कार्य प्रारंभ कर दिया था, गेहूं की बुआई भी कर दी थी। लगभग एक माह सिंचाई करने के बाद प्रबंधक द्वारा ट्रांसफार्मर की विद्युत सप्लाई बंद कर दी गई। 30 जनवरी को उक्त ट्रांसफार्मर को निकालकर ले गये और यह कहा गया कि अभी आपका स्टीमेंट पास नहीं हुआ है, आपके विरुद्ध विद्युत चोरी का प्रकरण बना दिया गया है। इस मामले में किसानों ने सवाल उठाते हुए कहा कि 5 माह का समय हो जाने के बाद भी स्टीमेंट पास क्यों नहीं हुआ, सहायक प्रबंधक यशवन्त यादव व ठेकेदार द्वारा बिना स्टीमेंट पास किये आवेदकगणों को विद्युत लाईन चलाने की स्वीकृति क्यों दी गई। शिकायतकर्ता किसानों ने इन तथ्यों के आधार पर उचित जांच कर कनेक्शन दिए जाने की मांग की है।

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