कृषि नवाचार का अवलोकन करने दूरदर्शन की टीम पहुंची सेल्दा गांव

शेयर धारक किसान एक-एक एकड़ अनुपजाऊ जमीन में करेंगे कोदो-कुटकी की पारंपरिक खेती

श्रीअन्न उत्पादन की विभिन्न परम्परागत तकनीकों पर की ग्रामीणों से चर्चा

Betul Mirror News: बैतूल। पुरखों से विरासत में मिली कोदो-कुटकी की पारंपरिक खेती वर्तमान में कम लाभकारी होने के कारण जिले के विकासखंड शाहपुर के ग्राम सेल्दा के कृषकों द्वारा गेहूं, चना, मक्का की खेती की जा रही थी। अब सतपुड़ांचल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा फिर से कोदो-कुटकी के उत्पादन को लाभ का धंधा बनाने के लिए नवाचार किया जा रहा है, जो इन किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा। कंपनी द्वारा कोदो-कुटकी को श्रीअन्न का नाम दिया गया है।

ग्राम सेल्दा में किए जा रहे इस कृषि नवाचार का अवलोकन करने के लिए बुधवार को दूरदर्शन दिल्ली की टीम गांव में पहुंची। टीम द्वारा श्रीअन्न उत्पादन को लेकर ग्रामीणों से चर्चा की गई।सतपुड़ांचल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा 2075 आदिवासी महिलाओं को परंपरागत कृषि तकनीकों से श्रीअन्न का उत्पादन कराया जा रहा है। कंपनी की डायरेक्टर सरिता एवं यशोदा ने बताया कि नाबार्ड की मदद से वर्ष 2020 में कंपनी का गठन किया गया था।

आदिवासी महिलाओं से बंजर भूमि पर बिना खाद-दवाई के जैविक कोदो-कुटकी का प्राकृतिक उत्पादन करवाया जा रहा है, जिसे कंपनी अच्छे दामों पर खरीद रही है। शीघ्र ही प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित की जाएगी, जिसके माध्यम से श्रीअन्न प्रोडक्ट की स्थानीय स्तर पर पैकिंग कर बाजार में सप्लाई की जाएगी।

इस यूनिट की स्थापना से जहां आदिवासी महिलाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। कंपनी द्वारा श्रीअन्न उत्पादन कर रही महिलाओं को शेयरधारक बनाया गया है, जो एक-एक एकड़ अनुपजाऊ जमीन में कोदो-कुटकी की पारंपरिक खेती कर रही हैं। इस दौरान दूरदर्शन की टीम ने आदिवासी संस्कृति, लोकनृत्य, रहन-सहन की भी जानकारी ली।

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