बकलोल … किस्सागोई कुछ को घुटमुंडा देखकर लोग जान जाते थे कि गंज चौकी में कोई नया थानेदार आ गया

Betul Mirror News/बैतूल। भाजपा के प्रवक्ता के दायित्व से मुक्त होने के बाद फिर सक्रिय पत्रकारिता में लौटे शैलेंद्र आर्य बाबा अक्सर दोपहर में मीडिया सेंटर आते है। इस दौरान वे नए पुराने कई किस्से सुनाते है, जो राजनीति, प्रशासन, मीडिया को लेकर रहते है। जैसे उन्होंने बुधवार को बताया कि 90 के दशक में गंज में जैसे ही कुछ चिन्हित लोगो का सिर मुंडा हुआ देखा जाता था तो सब को समझ आ जाता था कि गंज चौकी में कोई नया थानेदार आ गया है। जिन लोगो का सिर मुंडा हुआ नजर आता था दरअसल वे गंज क्षेत्र के सट्टा खवाड़ होते थे। शैलेंद्र बाबा के मुताबिक यह व्यवस्था 1998 तक तो चली फिर लुप्त हो गई।

जो भी थानेदार नया आता था वह अपना जोर दिखाने और रेट बढ़ाने के लिए सट्टा खवाड़ो का मुंडन ही करवा देता था क्योंकि सट्टे के कानून में तो कोई दम रहता नही है , इसलिए सट्टा खवाड़ों का मुंडन कर औकात में लाया जाता था। उन्होंने बताया कि पुराना सट्टा खाईवाल जो अब बड़ा बिल्डर या कालोनाइजर हो गया है उसे भी लोगो ने नए थानेदार के आने पर घुटमुंडा देखा है। उन्होंने बताया की जब बी एल पण्डित एस पी बैतूल थे तब सट्टा खाने वालो का जुलूस निकला गया था ऐसा कुछ भी करवाया गया था जो व्यक्त नही किया जा सकता है।

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