भैंसदेही महाविद्यालय का नाम वीर रामजी भाऊ कोरकू नामकरण को लेकर कलेक्टर ने दिया आश्वासन
जिला योजना समिति में रखा जायेगा प्रस्ताव
Betul Mirror News/बैतूल। भैंसदेही नगर के शासकीय महाविद्यालय का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम जी भाऊ कोरकु के नाम से किए जाने की मुहिम जयस और आदिवासी कोरकू समाज संगठन ने तेज कर दी है। आदिवासी कोरकू कल्याण समिति कोरकू कोर कमेटी ने कलेक्टर के समक्ष प्रस्ताव रखकर भैंसदेही महाविद्यालय का नाम वीर रामजी भाऊ कोरकू नामकरण करने की मांग की है। नामकरण को लेकर कलेक्टर ने समिति सदस्यों का आश्वासन दिया है कि जिला योजना समिति में यह प्रस्ताव रखा जाएगा।
आदिवासी कोरकु समाज संगठन के अध्यक्ष वं संरक्षक वासुदेव मोहनलाल बेठे, कार्यकारिणी अध्यक्ष रतिराम लिखितकर, महादेव बेठे नामकरण अभियान समिति अध्यक्ष ने रामजी भाऊ कोरकू नामकरण को लेकर कलेक्टर से विशेष चर्चाएं की।
कलेक्टर के आश्वासन के बाद आदिवासी नारी शक्ति श्रीमती अनिता वासुदेव बेठे, प्रदेश सदस्य, भगवंती रतिराम लिखितकर, प्रदेश सदस्य ने पुष्प गुच्छ श्रीफल भेंटकर कलेक्टर का सम्मान किया। इस अवसर पर नामकरण अभियान समिति उपाध्यक्ष करण चढ़ोकार, सचिव शुभम बारस्कर, मीडिया प्रभारी पवन धुर्वे, शिवम सहित अन्य उपस्थित रहे। लगभग एक माह से चल रहे हस्ताक्षर अभियान में ग्रामीणजनों ने अपनी बात रखते हुये कहा कि सरकारी आदेश के बावजूद वीर स्वतंत्रता रामजी भाऊ कोरकु का नाम नहीं किया जाना आदिवासी समाज की पहचान को दबाने जैसा है।मध्यप्रदेश के पटल पर आदिवासियों को प्राथमिकता में नही रखना चाहते है। आदिवासियों की अनुसूचित क्षेत्र में संख्या अधिक होने पर हमारे जनप्रतिनिधि भी अधिक संख्या में चुने जाते है।
आज बैतूल में विधायक, सांसद आदिवासी है तो यह संवैधानिक अधिकार के तहत जायज मांग है की शासकीय महाविद्यालय का नाम रामजी भाऊ कोरकु होना चाहिये और हम सभी इस अभियान का पूरा समर्थन करते है।
सांसद के खिलाफ जताई नाराजगी
रामजी भाऊ कोरकू नामकरण समिति ने कहा सांसद की प्रतिक्रिया अब तक ना आना निराशाजनक है, नामकरण ना होना यह आदिवासियों के साथ धोखा है, जबकि 1930 में जब जमीदार जमीनों पर कब्जा कर रहे थे, तब अपनी जमीन से बेदखल किये जाने को लेकर आदिवासियों व मालिकों के द्वारा इसका विरोध किया और जंगल सत्याग्रह का आंदोलन छेड़ा गया, जिसमें हमारे वीर शहीदों ने आंदोलन को तीव्र किया, ताकि उनके जमीनो की रक्षा हो सकें, वही क्रांतिकारी रामजी भाऊ कोरकू(बेठे) हमारे जननायक है।
महादेव बेठे ने आदिवासी जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि इस मुहिम का हिस्सा बने, क्योंकि आपको प्रतिनिधि चुनकर इसलिये भेजा है, ताकि समाज के अधिकारों के लिये आप आवाज बने। वासुदेव बेठे ने कहा हम स्वंतन्त्रता सेनानियों को पहचान दिलाना चाहते, ताकि उनकी प्रेरणा आज के युवाओं को मिल सकें और देश की सेवा में अग्रणी हो सके।