आदिवासी अंचलों में पेसा एक्ट का जमकर हो रहा दुरुपयोग

कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश, मौके पर दल बल के साथ पहुंचा राजस्व अमला

भीमपुर में पेसा एक्ट की आड़ में झूठा और असंवैधानिक प्रस्ताव बनाने का मामला आया सामने

Betul Mirror News/बैतूल। भीमपुर क्षेत्र में इन दिनों पेसा एक्ट का जमकर मखौल उड़ाया जा रहा है। सरकार ने एक ओर जहां आदिवासियों के हक और अधिकार के लिए पेसा एक्ट प्रभावी ढंग से लागू किया था। लेकिन देखने में आ रहा है कि जिन उद्देश्यों को लेकर पेसा एक्ट लागू किया गया था यह अपने उद्देश्यों से भटक गया है। आदिवासी अंचलों में इसका जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। पेसा एक्ट की आड़ में खुलेआम असंवैधानिक कार्य किए जा रहे हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट एवं भीमपुर के मूल निवासी अशोक पचोरिया ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि भूमि विवाद के मामले में आदिवासी की भूमि का सीमांकन कर पूरी भूमि बता दी गई थी।

उसके बावजूद भी पेसा एक्ट की आड़ में झूठा और असंवैधानिक प्रस्ताव पंचायत में लाकर आवेदक पर दबाव बनाया जा रहा है। पचोरिया का कहना है कि किसी की निजी भूमि पर ऐसा प्रस्ताव लाने का अधिकार पेसा एक्ट में नहीं है लेकिन सरपंच ने उनके रिश्तेदार होने के कारण ऐसा असंवैधानिक कार्य किया है। गौरतलब है कि यह मामला कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने मौके पर राजस्व अमले को दल बल के साथ भिजवाकर मामले की उच्चस्तरीय जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कड़े निर्देश दिए हैं कि प्रस्ताव अगर असंवैधानिक है तो संबंधित के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
स्वार्थ के लिए इस तरह का अनोखा और असंवैधानिक प्रस्ताव
आवेदक का कहना है कि हमारी भूमि खसरा नंबर 433 / 25 रकबा 1 .639 जोकि भीमपुर में स्थित है। खसरा नंबर 79 भूमि के सोहन,मोहन, डबजी आदिवासी की भूमि का सीमांकन कर पूरी भूमि बता दी गई थी। उसके बावजूद भी पेसा एक्ट की आड़ में झूठा और असंवैधानिक प्रस्तावना पंचायत में लाकर हमारी भूमि निरस्त कर दी कह कर और वह भूमि अब हमारी है गुंडागर्दी और मारने की धमकी दे रहे हैं जबकि किसी की निजी भूमि पर ऐसा प्रस्ताव लाने का अधिकार पेसा एक्ट में नहीं है।

लेकिन सरपंच भी उनके रिश्तेदार होने के कारण ऐसा असंवैधानिक कार्य किया है जबकि किसी भी प्रस्ताव को लाने के लिए दोनों पक्षों को सुनकर कागज देखे जाना चाहिए, लेकिन भीमपुर पंचायत में अपने स्वार्थ के लिए इस तरह का अनोखा और असंवैधानिक प्रस्ताव लाकर पेसा एक्ट का मजाक बना दिया, इस तरह तो कभी कलेक्टर ऑफिस का भी प्रस्ताव लाकर उस पर भी यह लोग अपना कब्जा बताने लगेंगे।

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