नारियल के आवरण से बना डाली आकर्षक कुल्हड़

Cast attractive kulhad made of coconut shell

Betul Mirror News/बैतूल। कुल्हड़ में पेय पदार्थ पीना भारतीय का पुराना शौक था जो समय के साथ धुमिल हो गया। आरडी पब्लिक स्कूल की शिक्षिका, खेड़ी सावली गढ़ निवासी उमा सोनी और घोड़ाडोंगरी कॉलेज में अध्ययनरत पायल सोलंकी ने नारियल के छिलकों से अपने कला गुरु एवं युवा चित्रकार श्रेणिक जैन के मार्गदर्शन में कुल्हड बना डाली। यह कुल्हड सीधे नारियल के छिलकों से ही बनाई गई है। जो देखने में बेहद आकर्षक व ऑर्गेनिक है जिसका उपयोग चाय पीने में कॉफी वह कोई भी पेय पदार्थ पीने में किया जा सकता है। यह आईडिया उमा सोनी को नारियल के छिलकों के ढेर देखने पर मिला। उसमें उन्हें नारियल के छिलकों में कटोरे जैसी आकृतियां दिखाई दी। इस पर उन्होंने अपने कला गुरु श्रेणिक जैन से प्रश्न साझा किया कि इन आकृतियों को कोई शेप दिया जा सकता है क्या? तब श्रेणिक जैन प्रोसेस समझाई कि किस तरह से थोड़ी मेहनत करके नारियल के छिलकों को सुंदर बाउल, कटोरे व कुल्लड़ जैसी आकृतियों में बदलकर पुन: उपयोग में लिया जा सकता है जो मार्केट में प्लास्टिक के कप और आर्टिफिशियल चाइना कुल्लड़ से ज्यादा उपयोगी और शरीर को नुकसान पहुंचाने से बचाएगी क्योंकि प्लास्टिक की चीजों में या आर्टिफिशियल प्रिंटेड कुल्हड में चाय पीने से या गर्म पदार्थ पीने से बहुत सारे माइक्रो प्लास्टिक पार्टिकल्स बॉडी में घुलनशील अवस्था में पहुंच जाते हैं जो आगे चलकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बनते हैं, इन से बचा जा सकता है। और यह काफी स्टाइलिश भी लगते हैं। उमा और पायल ने इस पर एक हफ्ते की मेहनत करके कुल्लड़, बाउल और अगरबत्ती स्टैंड बनाए हैं जो दो दर्जन के करीब है। उमा की कलाकृति की कलाप्रेमियों ने सरहाना की है।

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