ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर मैदान में उतरी बसपा
भाजपा-कांग्रेस पर लगाए वोट की राजनीति करने के आरोप
बैतूल। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कई राज्यों खासतौर से मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के बिना निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था। कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में राज्य चुनाव आयोग को दो हफ्ते के अंदर अधिसूचना जारी करने को कहा था। कोर्ट ने ये भी कहा कि ओबीसी आरक्षण की शर्तों को पूरा किए बगैर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। कोर्ट के इस फैसले के बाद बहुजन समाज पार्टी ने भाजपा एवं कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों को आड़े हाथों लेते हुए वोट की राजनीति करने का आरोप लगाया है।
महामहिम राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में बसपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा सरकार ने केवल चुनावी फायदा लेने के लिए ही पिछड़ी जातियों के वोट बटोरे है। मध्यप्रदेश में पिछले 2 वर्ष से अधिक समय से पंचायतों नगरीय निकायों के चुनाव लंबित हैं जिसमें मुख्य अडचन चुनाव आयोग के सामने अन्य पिछड़े वर्गों को इन चुनाव में दिया जाना वाला आरक्षण है, जिसे मध्यप्रदेश सरकार बगैर किसी ठोस तैयारी के माननीय उच्चतम न्यायालय के दिये गये तर्कों के जबाव से संतुष्ट नही कर सकी है। ज्ञापन देने वालों में जिलाअध्यक्ष जीआर पटेल, जिला उपाध्यक बसपा इन्द्र कुमार शेषकर, राकेश चौकीकर, लवकुश निरापुरे शामिल है।
शर्तों को पूरा किए बिना नहीं दिया जा सकता आरक्षण
माननीय उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं दिया जा सकता है, सरकार ने इस पर पूर्व में कोई ठोस रणनीति बनाने के बजाये एक सप्ताह का और समय मांगा था। बसपा का कहना है जो कार्य सरकार कई वर्षों से नहीं कर पाई अब एक हफ्ते में करने की बात कर रही है, जबकि यदि सरकार चाहे तो संवैधानिक व्यवस्था के तहत इस मामले में अध्यादेश लाकर, नया कानून बनाकर भी अन्य पिछडे वर्गों को उनकी हिस्सेदारी के हिसाब से सभी मापदंडों को पूरा कर आरक्षण की व्यवस्था कर सकती है, जो वह नहीं करना चाहती है।
आरक्षण के मामले में किसी भी सरकार ने नहीं उठाए ठोस कदम
बसपा का आरोप है कि देश की केन्द्र एवं अधिकतम राज्य सरकारें आरक्षण के मामले में हीलाहवाली करती आई हैं, जिसके कारण निर्वाचन की प्रक्रिया में कई बार बहुत अधिक विलम्ब हुआ। लेकिन स्थाई समाधान न ही पूर्व की कांग्रेस सरकार ने दिया और न हीं वर्तमान की भाजपा सरकार ने, केवल चुनावी फायदा लेने के लिए ही अनर्थक बयानबाजी कर गुमराह करके पिछड़ी जातियों के वोट बटोरे जो रहे है। सौंपे ज्ञापन में बसपा पदाधिकारियों ने कहा कि हमारी पार्टी का मूल उद्देश्य ही समतामूलक समाज की स्थापना है और अब तक पिछडी जातियों के हित को अपना उत्तरदायित्व समझते हुये इनके हितों की बात को केन्द्र व राज्य सरकारों के सामने पूर्व में कई बार रखा गया है। बसपा ने महामहिम राष्ट्रपति से ओबीसी वर्गों को नगरीय निकाय, पंचायत चुनाव में आरक्षण के लिए आग्रह किया।