बहुत अच्छा लगता है जब अपना खून किसी और के शरीर में नया जीवन बनकर दौड़ता है
आशुतोष सिंह चौहान/आठनेर। रक्तदान महादान इस पंक्ति को चरितार्थ करते हुए आशुतोष सिंह चौहान ने 39 वी बार शासकीय चिकित्सालय बैतूल में आकर रक्तदान किया।सोमवार पांडुरना से जिला चिकित्सालय बैतूल में सिकलसेल पीड़ित बहन पूजा नागले भर्ती हुई इस भीषण गर्मी में उन्हें एबी रक्त की आवश्यकता थी ऐसे में अपरिचित शहर में रक्त उपलब्ध कराना बड़ी चुनोती थी।
ऐसे में एक संदेश पर आठनेर से भीषण दोपहरी में आकर आशुतोष सिंह चौहान ने एबी पाज़ीटिव रक्त का दान देकर अपरिचित बहन पूजा नागले जी का जीवन बचा लिया।श्री आशुतोष सिंह चौहान ने सोमवार 39 वी बार रक्तदान कर ये साबित कर दिया कि पीड़ित मानवता की सेवा में गर्मी,ठण्ड, बरसात बाधक नहीं बन सकती उंन्होने कहा कि बहुत अच्छा लगता है जब अपना खून किसी की रगों में जीवन बनकर दौड़ता है इस भीषण गर्मी में जिला चिकित्सालय में खून की कमी को दूर करने 35 से 50 किलोमीटर दूर से रक्तदाता रक्तदान करने पहुँच रहे है। आशुतोष सिंह चौहान द्वारा रक्तदान से प्रभावित होकर उनके भांजे आदित्य सिंह सेंगर ने भी हीमोग्लोबिन की अतिअल्पता से जूझ रही बालिका के लिए प्रथम बार रक्तदान किया और उन्होंने कहा कि मैं आगे भी लोगों के जीवन को बचाने एवं मानवता के नाते रक्तदान करते रहूंगा।इस अवसर पर रक्तवीर पिंकी भाटिया व शैलेन्द्र बिहारिया ने बताया कि ऐसे रक्तवीरो को 14 जून को रक्तक्रांति अवार्ड 2022 से सम्मानित किया जाएगा इस बार मिस्टर ए बी रक्तदाता के रूप में श्री आशुतोष सिंह चौहान आठनेर के साथ को सम्मानित किया जाएगा।